मतदान को 8 दिन शेष, 8 प्रत्याशी मैदान में, सामने 5 लाख 88436 मतदाता ,

afzal Tadavi
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जनता का मन भांपना आसान नहीं, क्योंकि बागियों ने बिगाड़े समीकरण बुरहानपुर। चुनाव की तारीख नजदीक आते-आते मतदाताओं की धडक़ने बढ़ रही और प्रत्याशियों की सांसे फूल रही है। एक-एक कदम जीत की ओर बढ़ा रहे हैं। मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं। अपने पक्ष में मत पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मतदान को अब 8 दिन शेष है। इस बार प्रत्याशियों के सामने जनसम्पर्क के अलावा बागियों से निपटना भी चुनौती बन गई है। बुरहानपुर और नेपानगर दोनों ही विधानसभा में प्रमुख प्रत्याशियों को नुकसान हो सकता है। भाजपा और कांग्रेस बागियों को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही ही है। बुरहानपुर और नेपानगर में कुल 8 प्रत्याशी मैदान में है। इनके सामने 5 लाख 88 हजार 436 मतदाताओं को साधने का लक्ष्य है और मतदान को 8 दिन शेष है। सबसे बड़ी बगावत बुरहानपुर विधानसभा में निर्दलीय खड़े होकर पूर्व सांसद स्व. नंदकुमारसिंह चौहान के सुपुत्र हर्षवर्धन ने की है। इससे भाजपा के आलाकमान की नींदे उड़ गई है। भाजपा को बगावत से उबरना मुश्किल हो सकता है। हालांकि भाजपा से प्रत्याशी पूर्व मंंत्री अर्चना चिटनीस अच्छा-खासा दम रखती है, लेकिन नंदकुमारसिंह चौहान का कद भी काफी ऊंचा है। इसलिए भाजपा की मुश्किलें बढ़ी है। नेपानगर विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी मंजू दादू है। उनके सामने पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ नेता रतिलाल चिल्लात्रे चुनौती है। कांग्रेस में भी यही हाल है। बुरहानपुर विधानसभा में कई कांग्रेसी ठाकुर सुरेंद्रसिंह को टिकट दिए जाने से नाराज हो गए है। वरिष्ठ नेता नफीस मंशा खान ने पतंग की डोर थामी और उनके साथ कई दिग्गज कांग्रेसी भी साथ हो गए। पिछली सभाओं की बात करें तो एआईएमआईएम भीड़ जमा करने में सफल रही। नेपानगर विधानसभा में कांग्रेस से अलग होकर बिल्लरसिंह जमरा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों के सामने जीत की सीढ़ी चढऩा आसान नहीं रह गया है। पहले नेपानगर विधानसभा में प्रमुख मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही बताया जा रहा था, लेकिन बागियों ने समीकरण बदल दिए है। बुरहानपुर विधानसभा में भाजपा से अर्चना चिटनीस, कांग्रेस से ठाकुर सुरेंद्रसिंह, निर्दलीय हर्षवर्धनसिंह चौहान, एआईएमआईएम से नफीस मंशा खान चुनावी मैदान में है। अर्चना चिटनीस दो चुनाव जीत चुकी है। पिछले साल निर्दलीय ठाकुर सुरेंद्रसिंह ने अर्चना चिटनीस को हरा दिया था। नेपानगर विधानसभा में उपचुनाव हुआ था। इसमें कांगे्रस छोडक़र भाजपा में शामिल हुई सुमित्रा कास्डेकर चुनाव जीती थीं। लेकिन इस बार मंजू दादू पर पार्टी ने भरोसा जताया है तो कांग्रेस की गेंदूबाई चौहान पहली बार विधायक का चुनाव लड़ रही है। कुल मिलाकर बुरहानपुर और नेपानगर विधानसभा में चुनाव का पूरा समीकरण बदल चुका है। इसलिए परिणाम चौंकाने वाले आ सकते हैं। फिलहाल सभी प्रत्याशी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं और भारी बहुमत से जीतने की बात कह रहे हैं, लेकिन जनता का मूड़ अब तक कोई भांप नहीं सका है।

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