खंडवा से ज्ञानेश्वर पाटिल के नाम पर लगी मोहर, उपचुनाव में पूरणी को 81 हजार मतों से हराया था
जुलाई 18, 2024
0
- उपचुनाव के बाद मुख्य चुनाव में भी भाजपा ने ज्ञानेश्वर पाटिल के नाम पर जताया भरोसा
बुरहानपुर। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में खंडवा लोकसभा सीट से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के नाम पर सहमति दे दी है। शनिवार शाम लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की गई। इसमें खंडवा लोकसभा से ज्ञानेश्वर पाटिल के नाम पर मोहर लगाई गई। टिकट की घोषणा होते ही समर्थकों, कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। सांसद के निवास पर समर्थकों ने जश्न मनाया। उपचुनाव में भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस के राजनारायणसिंह पूरणी को 81 हजार 300 मतों से हराया था। इस जीत के बाद सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने खंडवा लोकसभा क्षेत्र के विकास और लोगों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए दिन-रात एक कर दिया। पूरे समय क्षेत्र में दौरे पर रहे और जनता की सेवा में जुटे रहे। यही कारण रहा कि उन्होंने मात्र दो साल में लोगों के दिलों में जगह बनाई। आज उनकी एक अलग ही छवि खंडवा लोकसभा की जनता में है।
पूर्व सांसद स्व. नंदकुमारसिंह चौहान के निधन के बाद खंडवा लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए। इस उपचुनाव में भाजपा ने ज्ञानेश्वर पाटिल के नाम पर विश्वास जताया। दोबारा भाजपा ने पाटिल को खंडवा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। उपचुनाव में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को कुल 6 लाख 30 हजार 462 मत मिले थे। कांग्रेस के राजनारायणसिंह को 5 लाख 48 हजार 962 मत मिले थे।
भारी बहुमत से जीतेंगे खंडवा लोकसभा सीट
टिकट मिलने के बाद सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा खंडवा लोकसभा की जनता, कार्यकर्ताओं के परिश्रम से आशीवार्द मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करने के लिए जनता जो आशीर्वाद दिया था। उस दिशा में पार्टी को लाभ पहुंचाने, मजबूत करने के लिए प्रवास करके नरेंद्र मोदी की सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में रात, दिन परिश्रम किया। इस बात को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय नेतृत्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, मोहन यादव, वीडी शर्मा सहित सभी सम्मानिय पदाधिकारियों, वरिष्ठो को धन्यवाद देता हूं। आपने मुझ दोबारा जो विश्वास जताया है। निश्चित ही खंडवा लोकसभा भारी बहुमत से भाजपा जीतेगी। जनकल्याण की येाजनाओं, विकास की दिशा में प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने नए भारत की शुरूआत की है। उस दिशा में मजबूती के साथ प्रधानमंत्री के हाथों को मजबूत करेंगे।
ऐसा है राजनीतिक सफर
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल का राजनीतिक जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। उनके इस संघर्ष ने उन्हें जल्द कम उम्र में ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया। वह सन 2000 में सबसे कम उम्र के जिला पंचायत अध्यक्ष बने। इसके बाद वह राजनीति में सफलता की सीढिय़ां चढ़ते गए। 2021 में लोकसभा उपचुनाव में जीतकर सांसद बने। जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 2003 मेंं खंडवा के ग्राम तोरणी में पानी रोको अभियान करवाया। इसे देखने के लिए राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पहुंचे थे। इसी साल उन्होंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का विशाल कार्यक्रम खंडवा के छैगांव-माखन में करवाया। वह कपड़े की राष्ट्रीय स्तर की मंडी मप्र राज्य पावरलूम बुनकर संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में बुनकर संघ को उन्होंने डूबने से बचा लिया। राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1987 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुडक़र की। ज्ञानेश्वर पाटिल ने भाजयुमो के एक मतदान दस जवान अभियान चलाया। 1995 से 1998 तक भाजपा युवा मोर्चा के खंडवा जिला महामंत्री रहे। इसके साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य युवा मोर्चा, मप्र भाजपा पंचायत राज प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सहित कई जिम्मेदारियों को उन्होंने बखूबी निभाया।