विकसित नहीं होगा गेहूं का दाना, चना काला पड़ा, अब बढ़ेगा समर्थन मूल्य पर पंजीयन
मार्च 02, 2024
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- बेमौसम बारिश से गेहूं, चना, मक्का को नुकसान, अब समर्थन मूल्य पर नहीं हो रहे थे पंजीयन, अब बदलेगा किसानों का मन
बुरहानपुर। बेमौसम बारिश, तेज हवाओं के कारण फसलें खराब हुई है। किसानों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। असमय पौधे गिर जाने के कारण गेहूं का दाना विकसित नहीं होगा। साथ ही चना भी काला पड़ गया है। इस कारण बाजार में गेहूं, चना और मक्का के भाव गिरने का अंदेशा जताया जा रहा है। अब किसानों को समर्थन मूल्य से उम्मीद है। अब हो सकता है कि गेहूं, चना को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन का आंकड़ा बढ़ेगा, क्योंकि इस साल किसान समर्थन मूल्य पर उपज बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे थे। अब तक बहुत कम किसानों ने समर्थन मूल्य के लिए पंजीयन करवाया है।
किसानों के मुताबिक गेहूं की फसल को पकने में 15 शेष थे। इसके बाद गेहूं की फसल किसान काटने वाले थे। इससे पहले ही दो बार जिले में बारिश हुई। इससे गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। प्रगतिशील किसान संगठन के अध्यक्ष रघुनाथ पाटिल ने बताया जिले में अस्सी प्रतिशत गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। समय से पहले पौधे गिर जाने के कारण गेहूं का दाना विकसित नहीं होगा। यह बारीक रहेगा। इस कारण इसके भावों में कमी आएगी। वही चना भी काला पड़ गया है। किसानों को चना को छंटना पड़ेगा। खराब दाने अलग निकालने पड़ेगे। कुल मिलाकर किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
समर्थन मूल्य से किसानों को उम्मीद, बीमा की मांग
प्रगतिशील किसान संगठन के अध्यक्ष रघुनाथ पाटिल ने बताया बारिश से गेहूं, चना के साथ मक्का को नुकसान हुआ है। गेहूं, चना को बेचने के लिए किसानों को समर्थन मूल्य से उम्मीद है। बाजार में गेहूं का भाव मात्र 1500 रुपए तक मिलने की उम्मीद है। क्योंकि खराब गेहूं कोई नहीं खरीदेगा। चना के भाव में भी कमी आएगी। दूसरी ओर किसानों ने गेहूं, चना का बीमा करवाया था। किसानों को बीमा की राशि दी जानी चाहिए। इसके लिए प्रशासन को सर्वे कर जल्द बीमा की राशि किसानों को दिलाई जानी चाहिए।
सवाल क्या सरकार खरीदेगी चना, गेेहूं
बेमौसम बारिश और तेज हवा के कारण खराब हुई गेहूं, चना की फसल के बाद अब किसानों ने सवाल उठाया है कि क्या सरकार अविकसित दाना सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। अगर खरीदी किए जाने से मना किया जाता है तो किसानों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी होगी।
तरबूज की फसल को भी नुकसान
जिले में बड़ी मात्रा में किसानों ने तरबूज की फसल लगाई है। तरबूज की फसल पर फूल निकलने लगे थे। बारिश और हवा के कारण फूल झड़ चुके है। इस कारण तरबूज का उत्पादन भी कम होने का अंदेशा है। किसान फसल बचाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में जिले में तरबूज का रकबा बढ़ा है।
अब तक 989 किसानों ने कराया पंजीयन
जिले में इस बार समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए गेहूं के 194 किसानों ने ही पंजीयन कराया है, तो चने के लिए 795 किसान पंजीयन कराने पहुंचे है। पिछले साल यह आंकड़ा छह हजार के आसपास था। यानी अभी 20 प्रतिशत पंजीयन भी पिछले साल की तुलना में नहीं हुआ है। पिछले साल भी गेहूं का पंजीयन कराने के बाद किसानों ने उपज नहीं बेची थी।
पिछले साल बाजार में मिले थे ज्यादा दाम
पिछले साल गेहूं के दाम बाजार में ज्यादा थे। इसलिए किसानों ने पूरी उपज आम नीलाम में बेच दी। इस बार भी यही स्थिति बन रही थी, लेकिन मौसम के कारण अब स्थितिया बदल सकती है। क्योंकि बारिश के कारण फसलों के खराब होने का असर गेहूं के दाम पर दिखा है, सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 और चना का समर्थन मूल्य 5440 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। अब तक बाजार में गेहूं के भाव 2300 और चना 6000 रुपए प्रति क्विंटल थे। इस कारण समर्थन मूल्य पर उपज बेचने में किसानों की रूची कम हुई थी। कम पंजीयन होने से इसे पंजीयन की तारीख 6 मार्च तक बढ़ा दी है। चना उपज का पंजीयन 10 मार्च तक होगा।