7 साल में पूरा हुआ आरओबी खुला, रेलवे बेट बंद, अब एफओबी की मांग

afzal Tadavi
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- नेपानगर में 67 साल पुराना रेलवे गेट बंद, वाहन चालकों को सुविधा मिली तो राहगीरों के लिए दुविधा बढ़ी नेपानगर। नेपानगर में रेलवे गेट बंद कर दिया गया है। अब यहां ट्रेन आने की सूचना नहीं आएगी। पिछले 67 साल से यह इलेक्ट्रॉनिक गेट ट्रेन आने की सूचना मिलते ही नीचे हो जाता था। अब इसकी जगह स्थाई बैरिकैड लग गए है। यहां ना तो पहले निकलने की होड़ लगेगी और ना वाहन चालक हड़बड़हाट में रहेंगे। क्योंकि रोड ओवर ब्रिज को आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। अब लोग रेलवे गेट से फुट ओवर ब्रिज निर्माण की मांग कर रहे हैं। आरओबी 7 साल में बनकर तैयार हुआ है। अब देखना ये है कि एफओबी के लिए लोगों को कितने साल इंतजार करना पड़ेगा। रोड ओवर ब्रिज का नाम पूर्व विधायक स्व. राजेन्द्र दादू के नाम पर रखा गया है। पिछले कई सालों से नगरवासी नेपानगर रेलवे गेट से मातापुर बाजार और नेपा मिल की ओर आवाजाही कर रहे थे। वाहन और राहगीर दोनों यहां से निकलते थे। रेलवे गेट ट्रेनों की आवाजाही के कारण दिन में कई बंद होता था। ऐसे में रेलवे गेट पटरी के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहन खड़े होते थे। कई वाहन चालक गेट बंद होने के बावजूद नीचे से वाहन निकलते थे। राहगीर भी ट्रेन आने की सूचना के बाद भी निकलते थे। ऐसे में हादसे का अंदेशा रहता था। साथ ही वाहन चालकों को देर तक ट्रेन के इंतजार में खड़े रहना पड़ता था। अब रोड ओवर ब्रिज से सीधे अंबेडकर चौराहा तक जा सकेंगे। 24 घंटे आवाजाही होगी। 7 साल में दुगनी हो गई आरओबी की लागत 2016 में नेपा मिल गेट की ओर से अंबेडकर चौराहा तक रोड ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था। इसके निर्माण की शुरूआत तो अच्छी थी, लेकिन बीच में कामप ठप हो गया। स्वीकृत होने के समय इसकी लागत लगभग 8 करोड़ थी। काम बंद हो जाने के कारण समय के बढ़ता गया और लागत भी। 8 करोड़ रुपए से लागत बढक़र 16 करोड़ रुपए हो गई। काम में देरी होने के साथ ही बढ़ी लागत राशि स्वीकृत कराने में देरी हुई। एफओबी के सर्वे हुआ, अब निर्माण का इंतजार रोड ओवर ब्रिज स्वीकृत होने के बाद से लोगों ने मांग की थी कि रेलवे गेट के पास फुट ओवर ब्रिज बनाया जाए। इसके लिए सेतू निर्माण विभाग और रेलवे अधिकारियों ने सर्वे पूरा कर लिया है। इस्टीमेट भी तैयार हो गय है। यहां पर एफओबी का निर्माण तय है, लेकिन अब इसका काम कब शुरू होगा, कब पूरा होगा। कुछ कहा नहीं जा सकता है। अगर आरओबी की तरह यह काम भी लटक गया तो नगरवासियों को दिक्कते होगी। उपाध्यक्ष ने किया पत्राचार रेलवे गेट बंद होने से रहगीर यहां से नहीं निकल सकेंगे। उन्हें रोड ओवर ब्रिज से जाना होगा। इस परेशानी को देखते हुए पहले ही नगर पालिका अध्यक्ष ने संबंधित विभाग, शासन को पत्र लिखकर जल्द फुट ओवर ब्रिज निर्माण करवाने की मांग की है। हजारों लोगों की होती है आवाजाही नेपानगर से कई गांव जुड़े है। नेपानगर सहित आसपास के गांवों के हजारों लोगों का विभिन्न कार्यों, खरीदारी के लिए मातापुर बाजार, तहसील कार्यालय, कोर्ट, नेपा मिल में आनाजाना होता है। मातापुर बाजार और नेपा मिल के बीच रेलवे गेट है। अब तक इसी रेलवे गेट से लोगों की आवाजाही हो रही थी। अब रेलवे गेट से दूसरी ओर जाने के लिए ओवर ब्रिज से घूमकर जाना होगा। वाहन चालकों को तो सुविधा होगी, लेकिन राहगीर परेशान होगे। नेपा मिल ने किया था रेलवे से करार नेपा मिल के स्वर्णिम काल में ट्रकों सहित अन्य वाहन सैकड़ों की संख्या में आते थे। इसलिए नेपा मिल ने रेलवे से करार किया था और रेलवे गेट बनवाया था। नेपा मिल द्वारा रेलवे को हर मार गेट का शुल्क चुकाया जा रहा था।

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