राज्य के पायले में झूल रहे नाम, दिल्ली में चलेगी छलनी तो निकलेगा एक नाम, उससे पहले गुटबाजी हावी

afzal Tadavi
0
- भाजपा से बुरहानपुर प्रत्याशी तय करने में आलाकमान को छूट रहा पसीना, क्योंकि कोई भी गुट कमतर नहीं बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव का बुखार चरम पर है और बुरहानपुर विधानसभा सीट पर सस्पेंस भी बरकरार है। प्रत्याशियों के नाम राज्य के पायले में झूल रहे हैं। राज्य जल्द ही गेंद केन्द्र के पायले में डालने की तैयारी कर रहा है। प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए दिल्ली में छलनी चलेगी तो इसमें से एक नाम निकलकर सामने आएगा, लेकिन इससे पहले बुरहानपुर विधानसभा टिकट पाने के लिए गुटबाजी हावी है। कोई भी गुट अपने आप को कम नहीं आंक रहा है। भोपाल से लेकर दिल्ली तक सभी गुट अपने प्रत्याशी के अंक बढ़ाने के लिए हर परीक्षा से गुजरने के लिए तैयार खड़े हैं। भाजपा के राजनीतिक विशेषज्ञ बता रहे हैं कि नाम तय होने से पहले भाजपा के अलग-अलग गुट पूरा जोर लगा रहे हैं। इनमें अर्चना चिटनीस, हर्षवर्धनसिंह चौहान, गजेन्द्र पाटिल गुट शामिल हैं। इन तीनों में से दो अर्चना चिटनीस और हषवर्धन गुट खुलकर अपने प्रत्याशी को टिकट दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली की छलनी से में से अपने नेता का नाम छनवाने के लिए काबिलियत और जीत का पत्ता फेंक रहे हैं। गजेन्द्र पाटिल गुट है किंग मेकर भाजपा के समर्थक बताते हैं कि युवा नेता गजेन्द्र पाटिल के गुट के साथ युवाओं की फौज खड़ी है, इस गुट को किंग मेकर भी कहा जाता है। इसका उदाहरण भाजपा का आलाकमान पिछले लोकसभा उपचुनाव में देख चुका हैं। बुरहानपुर और नेपानगर से सांसद प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल को ऐतिहासिक जीत मिली। इससे पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा को बुरहानपुर और नेपा से बढ़त नहीं मिली थी। इस गुट से कोई दावेदारी नहीं है और समर्थकों ने भी कोई नाम आगे नहीं बढ़ाया है, लेकिन इस गुट को पार्टी जिम्मेदारी देती है तो विधानसभा का किंग बनाने में इस गुट की बड़ी भूमिका होगी। गुटों से अलग है तारवाला गुटबाजी के मामले में भाजपा के विशेषज्ञों का कहना है कि सभी को टिकट मांगने का अधिकार हैं। भाजपा में अलग-अलग गुट अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, लेकिन इनमें मनोज तारवाला एक ऐसा नाम है, जो किसी गुट से जुड़ा नहीं है। बताया जा रहा है कि तारवाला को टिकट मिलता है तो सभी गुट एक होकर तारवाला के साथ खड़े रहेंगे। पिछले चुनाव से फैली है गलतफहमी पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ठाकुर सुरेन्द्रसिंह ने चुनाव जीता था। भाजपा ने हार का दोष गुटबाजी पर मढ़ दिया था। संगठन का कहना है कि पिछले चुनावों में गलतफहमियां थी। अब ये खत्म हो चुकी है। भाजपा का प्रत्याशी कमल का फूल हैं और इसके साथ पूरा संगठन खड़ा है। प्रत्याशी की घोषणा में लग सकता है और समय भाजपा ने पहले ही प्रदेश की कई विधानसभाओं में प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है, लेकिन बुरहानपुर विधासभा के बारे में बताया जा रहा है कि प्रत्याशी का चयन करने में और समय लग सकता है। अंतिम समय में पार्टी बुरहानपुर विधानसभा के प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर सकती है। चिटनीस का नाम मान रहे तय भाजपा से विधानसभा प्रत्याशी चुने जाने की खबरों में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस का नाम तय माना जा रहा हैं, लेकिन कहीं से भी पुख्ता खबर नहीं आ रही है। हालांकि भाजपा ने कई विधानसभा में ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया हैं जो चुनाव कम अंतर से हारे थे, इसमें बुरहानपुर विधानसभा भी शामिल हैं। इस एंगल पर पार्टी टिकट देती है तो अर्चना चिटनीस को टिकट मिल सकता है।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)