किसानों के लिए निर्दलीय विधायक के साथ कांग्रेसियों ने चलाया ट्रेक्टर

afzal Tadavi
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- फसल बीमा सहित 6 सूत्रीय मांगे पूरी नहीं होने पर सैकड़ो किसानों ने निकाली रैली, दो घंटे में एसडीएम कार्यालय पहुंचे बुरहानपुर। विधायक ठाकुर सुरेंन्द्रसिंह ने 2018 के चुनाव से पहले ट्रेक्टर चलाया था। निर्दलीय प्रत्याशी थे। इसलिए उनका चुनाव चिह्न ट्रेक्टर था। इस चुनाव की यादें बुधवार को फिर ताजा हो गई, लेकिन इस बार नई बात ये थी कि निर्दलीय विधायक के साथ कांग्रेसियों ने भी ट्रेक्टर चलाया। दरअसल किसानों ने विभिन्न मांगे सरकार द्वारा पूरी नहीं किए जाने के विरोध में आक्रोश जताया। ट्रेक्टर, बाइक रैली निकाली। इस रैली में प्रदेश कांग्रेस महासचिव अजयसिंह रघुवंशी, दिनेश शर्मा, हर्षितसिंह ठाकुर सहित अन्य नेता ट्रेक्टर चलाते हुए रैली के साथ चले। रैली के दौरान प्रगतिशील किसान संगठन के संरक्षण शिवकुमारसिंह कुशवाह और जिलाध्यक्ष रघुनाथ पाटिल के नेतृत्व में किसानों ने सरकार के विरोध में जमकर विरोध दर्ज कराया। दोपहर 12 बजे किसानों की रैली संजय नगर स्थित गुर्जर भवन से निकली। इस रैली में बड़ी संख्या में किसान ट्रेक्टर लेकर पहुंचे। युवा किसान बाइक से चले तो कुछ वरिष्ठ किसान और नेता पैदल रैली के साथ चले। रैली में डीजे पर देशभक्ति गीत बजते रहे। शिवकुमारसिंह कुशवहा पूरे रास्ते सरकार विरोध नारे लगाते रहे। नारों को किसानों ने दोहराया। रैली बस स्टैंड, शनवारा, जयस्तंभ होते हुए ठाकुर शिवकुमारसिंह चौराहा स्थित एसडीएम कार्यालय पहुंची। यहां पर किसानों ने 6 सूत्रीय मांगों को पूरा करवाने के लिए एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान हेमंत पाटिल, मुकेश बुनगाल सहित अन्य किसान उपस्थित थे। किसानों को छेड़ो मत, नहीं तो ईंट से ईंट बजा देंगे एसडीएम को ज्ञापन सौंपने से पहले किसानों ने ठाकुर शिवकुमारसिंह चौराहा पर मंच लगाकर संबोधित किया। प्रगतिशील किसान संगठन के संरक्षक शिवकुमारसिंह कुशवाह ने कहा किसानों को छेड़ो मत नहीं तो ईंट से ईंट बजा देंगे। किसानों को छेड़ोंगे तो छोड़ेंगे नहीं। किसानों की उपज कम दामों में बिक रही है। 6 से 7 घंटे बिजली कर दी गई है। ऐसे तो फसल सूख जाएगी। पेट्रोल महंगा कर दिया है। इसका असर किसानों की लागत पर पड़ रहा है। फसल बीमा योजना है मुख्य मांग प्रगतिशील किसान संगठन अध्यक्ष रघुनाथ पाटिल ने कहा किसानों की सरकार से मुख्य मांग मौसम आधारित कृषि बीमा योजना लागू करवाना है। पिछले तीन साल से किसान इसकी मांग कर रहे हैं। कई बार ज्ञापन दिए। धरना, प्रदर्शन किया, लेकिन किसानों की बात सरकार नहीं सुन रही है। इन मांगों का सौंपा ज्ञापन मौसम आधारित बीमा लागू किया जाएं। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को सी-2, प्लस 50 के साथ लभकारी समर्थन मूल्य बनाया जाएं। ताकि फसलों को राज्य शासन समर्थन मूल्य पर खरीदें। मक्का, कपास पिछले पांच साल से खरीदा नहीं जा रहा है। मिट्टी परीक्षण केन्द्र में रासायनिक खाद के गुणवत्ता परीक्षण को शामिल करें। कृषि सिंचाई बिजली सूखे की स्थिति को देखते हुए पुराने शेड्यूल अनुसार 10 घंटे दी जाएं। जंगली सुअरों से फसल को नुकसान होने पर किसानों को पूरी भरपाई मिलनी चाहिए। चना बीज की किसानों की बीज निगम द्वारा घोषित अनुदान राशि लगभग 99 लाख रुपए तुरंत मिलना चाहिए।

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