खिलेगा कमल या चलेगा ट्रक, उड़ेगी पतंग या आएगा शेर, आज होगा फैसला

afzal Tadavi
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आज मतगणना में होगा विधायक का निर्णय, दोपहर तीन बजे तक आएंगे परिणाम, दिलचस्प होंगे रूझान बुरहानपुर/नेपानगर 17 नवंबर को विधानसभा के लिए हुए मतदान के बाद से लोगों की धडक़ने तेज है और प्रत्याशियों की सांसे फूली हुई है। अब इंतजार खत्म होने वाला है। रविवार को बुरहानुपर और नेपानगर विधायक का निर्णय हो जाएगा। दोपहर तीन बजे तक लगभग सभी परिणाम सामने आ जाएंगे। इस दिन का सभी को बेसब्री से इंतजार था। अब पूरी तरह साफ हो जाएगा कि खिलेगा कम या चलेगा ट्रक, उड़ेगी पतंग या आएगा शेर। क्योंकि मुख्य मुकाबला इन चारों में ही है। भाजपा से अर्चना चिटनीस, कांग्रेस से ठाकुर सुरेंद्रसिंह, एआईएमआईएम से नफीस मंशा खान और निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धन नंदकुमारसिंह चौहान के बीच कांटे की टक्कर है। बुरहानपुर विधानसभा की बात करें तो मतदान के बाद से जीत, हार को लेकर चर्चाओं के अलाव सुलगते रहे। अब जीत की लौ में कौन रोशन होगा, किसके पक्ष में अंधेरा होगा इस बात का खुलासा जल्द होने वाला है। मतदान के बाद से गली, चौराहों, नुक्कड़, शहर से लेकर गांवों में प्रत्याशियों के समर्थकों ने जीत, हार के दावें किए। अपने-अपने गणित निकालकर प्रत्याशियों के वोट तक तय कर दिए, लेकिन इस बार मुकाबला चतुष्कोणिय और भाजपा से बागी होकर हर्षवर्धन निर्दलीय चुनाव मैदान में होने के कारण सभी समीकरण बदल गए। हर किसी ने अपना गणित बैठाया और जीत, हार का आंकलन किया। अब गणना में पता चलेगा कि किसका आंकलन कितना सही और सटीक था। निर्दलीय के मैदान में आ जाने के बाद नफीस मंशा खान ने बगावत कर चुनाव में नया मोड़ ला दिया। इससे मुस्लिम मतों का धु्रवीकरण होने का कयास लगाया गया। वहीं भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त रहे। चुनाव से पहले राजनीतिक पंडितों ने गणित लगाए थे, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव में मोड़ आते गए, गणित के आंकड़े बदलते चले गए। मतदान होते-होते खिचड़ी पकने जैसा मामला हो गया और आंकड़ों का पूरा खेल ही बिगड़ गया। हालांकि सभी प्रत्याशी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन मतदाताओं के मन को कोई पढ़ नहीं सका, क्योंकि बताया जा रहा है कि इस बार के चुनाव में मतदाताओं ने भी खुलकर अपने मन की बात नहीं बताई है। इसलिए राजनीतिक जानकारों भी बाद में मतगणना के भरोसे बैठ गए। चुनाव में एक साथ कई मोड़ आ जाने के कारण मुख्य दलों के आलाकमान के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच दी। बड़ी सभाओं की बात करें तो कांग्रेस की ओर से इमरान प्रतापगढ़ी, भाजपा की ओर से कैलाश विजयवर्गीय, महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस, नेपानगर में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सभा हुई। मुख्य दलों से लेकर निर्दलीय प्रत्याशी की सभाओं में खूब भीड़ उमड़ी। अब इस भीड़ को अपने पक्ष में मतदान करवाने मेंं कौन सफल हो पाया है। इसका राज पेटियों में बंद है। जैसे-जैसे पेटियां खुलेगी विधायक के नाम से एक-एक परदा हटता जाएगा। इस बार के रूझान भी काफी दिलचस्प होने वाले है। रविवार सुबह से सभी की नजरे टीवी पर गड़ेगी तो हजारों समर्थक मतगणना स्थल पर रूझानों को सुनने के लिए जुटेंगे। मतगणना स्थल पर बाहरी मैदान में लोगों को खड़े रहने के लिए व्यवस्था की गई है। इस बार के चुनाव में बुरहानपुर और नेपानगर दोनों विधानसभाओं में रूठने, मनाने का सिलसिला चलता रहा। कोई निर्दलीय को मनाने पहुंचा तो कोई समर्थकों को। नेपानगर में भी बागी ने सताया नेपानगर विधानसभा में भी इस बार के हालात काफी अलग रहे। भाजपा से मंजू दादू को टिकट दिए जाने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता रतिलाल चिल्लात्रे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। भाजपा को नेपानगर में भी बगावत ने सताया है। यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा की मंजू दादू, कांग्रेस की गेंदूबाई चौहान और बिल्लरसिंह जमरा के बीच बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर हुई नोंकझोक जीत, हर को लेकर प्रत्याशियों के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर खूब पोस्ट चलाई। किसी ने कमल का फूल, किसी ने ट्रक चलाया। कोई पतंग उड़ा रहा था तो कोई शेर की दहाड़ निकाल रहा था। सोशल मीडिया पर चली पोस्टों पर कमेंट भी एक से बढक़र एक आए। पोस्ट पर कमेंट के माध्यम से समर्थकों के बीच खूब नोंक-झोंक चली। पूरे 15 दिन सिर्फ जीत, हार को लेकर चर्चाएं होती रही। बुरहानपुर से ये है प्रत्याशी भाजपा से अर्चना चिटनीस, कांग्रेस से ठाकुर सुरेंद्रसिंह, निर्दलीय हर्षवर्धनसिंह चौहान, एआईएमआईएम से नफीस मंशा खान, सुनिल नायके, उमर मैकनिक, दत्तु वसंत मेढ़े, धु्रवराज देवानंद तायड़े, दादा साहेब वामनराव ससाणे, कैलाश वाघे, भीका पासी, भूषण नंदकिशोर पाठक, मोहम्मद हनीफ शेख रउफ। नेपानगर से ये हैं प्रत्याशी नेपानगर से भाजपा से मंजू राजेंद्र दादू, कांग्रेस से गेंदू बाई चौहान, दिलीप कास्डेकर बहुजन समाज पार्टी, रविन्द्र बुधा सोनवणे वंछित बहुजन अघाड़ी, रतिलाल चिल्लात्रे निर्दलीय, बिल्लसिसंह जमरा निर्दलीय मैदान में है।

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