चिटनीस के विरोध और हर्षवर्धन के समर्थन में भाजपा के दिग्गजों ने दिया इस्तीफा
नवंबर 02, 2023
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इतिहास में पहली बार बुरहानपुर की भाजपा में बगावत के तीखे तेवर, कारण में बताया गलत प्रत्याशी को पार्टी ने दिया टिकट, इसलिए छोड़ रहे पार्टी
बुरहानपुर। बुरहानपुर में भाजपा के इतिहास में पहली बार बगावत के तेवरों ने जमीन हिला दी है। बुरहानपुर विधानसभा में भाजपा से अर्चना चिटनीस को टिकट दे दिए जाने का विरोध अब और भी तीखा हो गया है। चिटनीस को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में भाजपा के दिग्गजों ने पार्टी छोड़ दी है। कई भाजपा के पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए। इनमें सबसे पहले भाजपा से बागवत कर निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले हर्षवर्धनसिंह चौहान ने इस्तीफा दिया। इसके बाद एक के बाद एक भाजपा के बड़े नेताओं के इस्तीफे सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। बताया जा रहा है कि जितने भी इस्तीफे अब तक दिए गए है। उनका पार्टी को जिले में स्थापित करने, चुनाव जिताने में अहम भूमिकाएं निभाई है। पिछले कई सालों से इस्तीफे सौंपने वाले पार्टी के लिए 24 घंटे तत्पर रहते थे। पार्टी को आगे बढ़ाने में पूरी तरह समर्पित थे और तन, मन, धन से पार्टी की सेवाा में लगे थे। निश्चिित ही भाजपा के ऐसे नेताओं द्वारा पार्टी को छोडक़र जाना एक बहुत बड़ा नुकसान बताया जा रहा है। वो भी जब पार्टी को सबसे ज्यादा इन्हीं पदाधिकारियों की जरूरत है। जो चुनाव जिताने में अहम भूमिका निभाते हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा इस्तीफों की भारी झड़ी से भाजपा की जमीन उखडऩे लगी है।
इन्होंने दिया इस्तीफा
दिवंगत सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के सुपुत्र हर्षवर्धनसिंह चौहान, जनपद के पूर्व अध्यक्ष काशीनाथ महाजन, भाजपा युवा मोर्चा पूर्व जिलाध्यक्ष व युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रमेश पाटीदार, पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला, भाजपा जिला मंत्री प्रवीण शहाणे, जनपद के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में जिला प्रभारी पिछड़ा वर्ग मोर्चा किशोर राजाराम पाटिल, जिला मंत्री सौरभ पाटिल, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल के महामंत्री अजय उज्जैनवाल, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल के मंडल आईटी संयोजक रविंद्र बाविस्कर, भाजपा जिला संयोजन आईटी विभाग पूजा नागड़ा।
जनता अपने वोट से पार्टी को देगी जवाब
इस्तीफा देने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धनसिंह चौहान ने कहा पंडित दीनदयाल जी की डायरी में लिखा है कि कोई व्यक्ति आपका वोट पाने का अधिकार सिर्फ इसलिए नहीं रखता क्योंकि अच्छी पार्टी का सिम्बॉल लेकर खड़ा है। यदि व्यक्ति खराब हो और उसे टिकट दिया जाता है तो कार्यकतर्ताओं, मतदाताओं का अधिकार बनता है कि वो उस व्यक्ति की जगह अच्छे व्यक्ति को वोट देकर जिताएं। इस तरह के निर्णयों पर पार्टी को अपने मत से जवाब दें। जनता अपने वोट से जवाब देगी। इसी विचारधारा को लेकर जनता के आदेश पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं। जनता ने खड़ा किया है। ये सोचकर खड़ा किया है कि नंदकुमारसिंह चौहान के परिवार से कोई आगे आए जो उन्हीं की तरह क्षेत्र की सेवा करें। चुनाव लड़ रहा हूं तो निश्चित ही भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जिलाध्यक्ष को हार्ड कॉपी दी। सोशल मीडिया पर भी फोटो अपलोड कर लिया है। मेरे साथ में बहुत सारे इस्तीफा दिए जाने वाले है।
भाजपा को सीधा नुकसान
राजनीतिक जानकारों ने बताया ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इतनी बड़ी संख्या में पदाधिकारी भाजपा से इस्तीफा दे रहे हैं। विधानसभा चुनाव सिर पर है। इस तरह के निर्णय से भाजपा को नुकसान हो सकता है। इसका सीधा फायदा निर्दलीय या अन्य दल के प्रत्याशी को मिल सकता है। हर्षवर्धनसिंह चौहान द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़े जाने की घोषणा के बाद से बड़े पदाधिकारियों ने समर्थन दे दिया था, लेकिन पार्टी की ओर से मनाने के लिए खास प्रयास नहीं किए गए। दो नवंबर को नामांकन वापस लेने की तारीख थी। हर्षवर्धन ने नामांकन वापस नहीं लिया है। वो चुनावी रण में बने रहेंगे। इसलिए प्रत्याशी सहित समर्थकों ने इस्तीफा दिया है।