3 लाख 22,985 में सवा लाख मुस्लिम मतदाता, 60 से 70 हजार मत लेने वाला मार सकता है विधायक की बाजी
अक्तूबर 29, 2023
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- एआईएमआईएम के चुनावी रण में आने के बाद राजनीतिक पंडितों ने बनाया सीमकरण, क्योंकि मुस्लिम मतों का होगा धु्रवीकरण
बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम की इंट्री के बाद राजनीतिक पंडितों ने समीकरण बिठाना शुरू कर दिया है। क्योंकि एआईएमआईएम से मुस्लिम वोटों का धु्रवीकरण होना तय है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस मुश्किल में आ सकती है। अब चुनावी किसी भी तरह मोड़ ले सकता है। हो सकता है कि मुस्लिम मतदाताओं के धु्रवीकरण के कारण कांग्रेस तीसरे नंबर खिसक जाएं। भाजपा भी मुस्लिम मतदाताओं के धु्रवीकरण भंवर में फंस सकती है। इसलिए भाजपा और कांग्रेस को छोडक़र कोई तीसरा विधायक की बाजी मार सकता है। बुरहानपुर विधानसभा में पुरूष 1 लाख 62 हजार 254 मतदाता, महिला 1 लाख 60 हजार 710 मतदाता और 21 अन्य मतदाता हैै। 3 लाख 22 हजार 985 कुल मतदाता हैं।
एआईएमआईएम के प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद से भाजपा और कांग्रेस सहित निर्दलीय प्रत्याशियों को पसीने छूट रहे हैं। क्योंकि बुरहानपुर विधानसभा में कुल मतदाता 3 लाख 22 हजार 985 मतदाता है। इनमें लगभग सवा लाख मुस्लिम मतदाता है और एआईएमआईएम मैदान में है। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि मुस्लिम मतदाताओं के धु्रवीकरण के बाद लगभग 60 से 70 हजार मत लेने वाला प्रत्याशी विधायक की बाजी मार सकता है। क्योंकि मतदाताओं की संख्या से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। राजनीतिक जानकार ये ही गणित बिठा रहे हैं। क्योंकि अब तक ये मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब ये मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है। चार प्रत्याशी प्रमुख है और अच्छा-खासा दम रखते हैं। इनमें एक निर्दलीय दमदार उम्मीदवार है। ऐसे में किसी को भी कम नहीं आंका जा सकता है। चारों प्रत्याशी अच्छे मत लेने का की काबिलियत रखते हैं। इसलिए ये चुनाव काफी जबरदस्त होने वाला है। चुनाव के करीब आते-आते और भी समीकरण बदल सकते हैं, क्योंकि मतदाताओं के धु्रवीकरण के लिए कोई भी प्रत्याशी अपना प्लान आजमाएगा।
20 साल पुराना इतिहास दोहराएंगे मतदाता
इस साल का चुनाव पूरी तरह नया हो सकता है या फिर 20 साल पुराना इतिहास मतदाता दोहरा सकते हैं। 2003 में भी कुछ इस बार की तरह स्थिति बनी थी। 2003 के चुनाव में अल्पसंख्यक को टिकट नहीं मिलने पर हमीद काजी ने एनसीपी से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में हमीद काजी की जीत हुई थी। कांग्रेस से चुनाव लड़ी मंजूश्री ठाकुर तीसरे नंबर पर खिसक गई थी। भाजपा से कैलाश पारीख दूसरे नंबर पर रहे थे। इस चुनाव में अल्पसंख्यक मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी। तब एनसीपी भाजपा और कांग्रेस के आड़े आई थी। अब इस बार एआईएमआईएम बीच में आ गई है।
नफीस मंशा ने 2008 में लड़ा था चुनाव
बुरहानपुर विधानसभा में अब चार प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है। इसनमें भाजपा से अर्चना चिटनीस, कांग्रेस से ठाकुर सुरेंद्रसिंह, एआईएमआईएम से नफीस मंशा खान और पूर्व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के सुपुत्र हर्षवर्धनसिंह चौहान शामिल हैं। इन प्रत्याशियों में नफीस मंशा खान ने 2008 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था। अब एआईएमआईएम से चुनाव लड़ रहे हैं। ्र2018 के चुनाव में ठाकुर सुरेंद्रङ्क्षसह ने निर्दलीय लडक़र अर्चना चिटनीस को हराया था। हर्षवर्धनसिंह चौहान पहली बार चुनाव लड़ रहे है। अर्चना चिटनीस दो बार विधायक रह चुकी हैं।
आज निकलेगी हर्ष और खान की नामांकन रैली
सोमवार को निर्दलीय प्रत्याशी हर्षवर्धनसिंह चौहान और एआईएमआईएम प्रत्याशी नफीस मंशा खान की नामांकन रैली निकाली जाएगी। हर्षवर्धनसिंह की रैली संजय नगर स्थित निवास से निकलेगी। विभिन्न मार्गों से होते हुए एसडीएम कार्यालय जाएंगे। नफीस मंशा खान की रैली इकबाल चौक से श्ुारू होगी। दोनों ही रैली में हजारों समर्थन जुटने की संभावना जताई जा रही है।